सारंगढ़ बिलाईगढ़// कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू मंगलवार को बरमकेला ब्लॉक के दौरे पर रहे। उन्होंने सबसे पहले शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरमकेला और ग्राम संडा में पानी टंकी का निरीक्षण किया।
कलेक्टर साहू ने जिले के अंतिम छोर और ओडिशा सीमा से चारों तरह से घिरे बसे गांव सांकरा का आकस्मिक दौरा किया। उन्होंने सांकरा में जल जीवन मिशन अंतर्गत निर्माणाधीन कार्यों का निरीक्षण किया और निर्माण में बदलाव करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार उन्होंने सांकरा ग्राम पंचायत के सीमा में महानदी के जल के उपयोग से साल भर खेती की संभावना पर महानदी का निरीक्षण किया। इसी प्रकार ग्राम पंचायत सांकरा में कलेक्टर ने ग्रामीणों से उनके मांग शिकायत के संबंध मे चर्चा की। इस दौरान एक बुजुर्ग ने तीन माह से पेंशन नहीं मिलने की बात कही। इसके जवाब में सीईओ जनपद पंचायत बरमकेला प्रज्ञा यादव ने कहा कि मई जून के समय आबंटन राशि आई थी, जैसे ही आबंटन आयेगा तो पुनः पेंशन मिल जायेगा। इसी प्रकार ग्रामीणों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दो नर्स के विरुद्ध शिकायत किए कि एक नर्स ड्यूटी पर नहीं रहती और नर्स रंजीता चौहान का पति भी हॉस्पिटल में आकर जबरन इलाज करता है। कलेक्टर को बीएमओ अवधेश पाणीग्राही ने अवगत कराया कि नर्स रंजीता चौहान मुख्यालय से बाहर निवास करती है। कलेक्टर ने नर्स को सख्त निर्देश दिए कि मुख्यालय में ही रहकर स्वास्थ्य सेवा करना है और इस दौरान आपके पति द्वारा हॉस्पिटल के इलाज आदि में हस्तक्षेप स्वीकार नहीं है। भविष्य में शिकायत नहीं आनी चाहिए ऐसा अच्छा कार्य करो।
कलेक्टर ने सरिया में उल्लास केंद्र का शुभारंभ किया और असाक्षर बुजुर्ग महिलाओं और ट्रेनर स्कूली बालिकाओं से बातचीत किए। इस दौरान स्कूल परिसर में संचालित अन्य स्कूली बच्चों से स्वास्थ्य और स्कूल में दी जाने वाली भोजन के बारे में (घर और स्कूल में कहां का खाना अच्छा लगता है, क्या बनना चाहते हो) पूछा। बच्चों ने जवाब दिया कि, स्कूल का खाना अच्छा लगता है और डाक्टर बनना चाहता हूं। इसी प्रकार कलेक्टर ने पीएमश्री स्कूल केंदवाही बार का निरीक्षण किया। स्कूली बच्चों से कलेक्टर ने गणित के प्रश्न पूछे। स्कूली बच्चों ने कलेक्टर को अंग्रेजी का पाठ पढ़कर सुनाया। कलेक्टर ने सभी बच्चों को शाबाशी दी। इस दौरान एसडीएम प्रखर चंद्राकर, नोडल अधिकारी पंचायत हरिशंकर चौहान, डीईओ लक्ष्मी प्रसाद पटेल आदि उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि जनश्रुति अनुसार यह सांकरा गांव राजा महाराज के रियासतकाल में सारंगढ़ राजा को दान में मिला था, तब से यह सारंगढ़ के क्षेत्र में शामिल है।