सारंगढ छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रथम चरण आंदोलन 6 अगस्त के दौरान कलेक्टर रायपुर के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपकर फेडरेशन के चार सूत्रीय मांगों से अवगत कराया गया था। फेडरेशन के द्वितीय चरण आंदोलन 20 अगस्त से 30 अगस्त 2024 के मध्य विधायकों एवं सांसदों को इन मांगों के संबंध में ज्ञापन सौंपा गया है। फेडरेशन के तृतीय चरण आंदोलन दिनांक 11 सितम्बर 2024 के दौरान जिला/ब्लॉक में मशाल रैली निकालकर कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर फेडरेशन के चार सूत्रीय मांगों से अवगत कराया गया था।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों को “मोदी की गारंटी के तहत मांगों को पूरा करने क़ो लेकर आज तहसील कार्यालय सारंगढ के बाहर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर विरोध प्रदर्शन किया गया जिसमें
मुख्य मांगे भाजपा घोषणा पत्र अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान 1 जनवरी से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाए। साथ ही प्रदेश के कर्मचारियों को जुलाई 2019 से देय तिथि पर महंगाई भत्तों के एरियर्स राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में किया जाए।भाजपा घोषणा पत्र अनुसार प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए।केन्द्र के समान गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए।
. भाजपा घोषणा पत्र अनुसार मध्यप्रदेश सरकार की भांति प्रदेश के शासकीय सेवकों को अर्जित अवकाश नगदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिन किया जाए।28 जुलाई 2024 को छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आयोजित हुए बैठक में शासन के उपेक्षा पूर्ण रवैये के लोकतांत्रिक विरोध एवं माँगों के निराकरण हेतु शासन का ध्यान आकृष्ट करने के लिए “झन करव इनकार, हमर सुनव सरकार” बैनर के तहत चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है।छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सरकार यदि 27 सितम्बर 2024 तक उल्लेखित मांगों के समाधान नहीं करती है तो फेडरेशन को अनिश्चितकालीन आंदोलन करने के लिए बाध्य होने की बात भी अधिकारी कर्मचारियों ने कहीं हैं।